Sunday, June 15, 2008
Hiroshima Chugoku Japan- Visited in January 2007
मौका था नए साल का। पूरे ९ दिन की छुट्टियाँ थी। ऐसा जापान में साल में ३ बार होता है। इस बार हमने हिरोशिमा घूमना तय किया।
1 जनवरी २००७ को हम अपने घर (तेनरी) से निकले। जापान में रेलवे स्टेशन हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं था। और टैक्सी का किराया ज्यादा होने की वजह से अक्सर हम पैदल ही स्टेशन चले जाते थे। जापान में रेलवे का नेटवर्क बहुत अच्छा है। और रेल का किराया भी ज्यादा नहीं है। ज्यादातर लोग इसी से आते जाते हैं।
हम सुबह ६ बजे से अपने स्टेशन से चल कर लगभग २ बजे हिरोशिमा पहुंचे। यानी कि लगभग ८ घंटे का सफर! बीच के स्टेशन हीराहाथा, सईदाईजी, त्सुरुहाशी, ओसाका, कामिगोरी, ओकायामा थे। हमने अपना होटल पहले ही बुक कर लिया था। अगर आप नए साल पर जापान जाने का कार्यक्रम बना रहें हो तो होटल पहले ही बुक कर लें। जापान में उन दिनों पूरे ९ दिन कि छुट्टियाँ रहती हैं और बहुत सारे होटल्स भी बंद रहते हैं। हिरोशिमा पहुँचने के बाद हम टैक्सी से होटल पहुंचे। जापान में टैक्सी करने के लिए आपको स्टेशन पर इनक्वारी से मदद मिल सकती है। पर बहुत मुश्किल से! कारण है कि वहाँ के लोगों को अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान नहीं है। इसीलिए आप इंटरनेट पर ही सारी इन्फोर्मेशन लेकर जाएं तो बेहतर है। दोपहर में होटल पहुँचने के बाद हमने अपना प्लान बनाया।
उस रात को हमने हिरोशिमा शहर का night view देखा। देख कर लगा नहीं कि यह शहर कभी पूरी तरह तहस नहस हो चुका था। लगता था हम किसी बड़े happening city में हैं। सारी तरफ़ खुशी की रौशनी। यह शायद नए साल की वजह से भी बढ़ी हुई थी। वैसे उस रात बारिश भी हो रही थी। जापान में बारिश होना बहुत आम बात है। आप किसी भी public place पर सरकार की तरफ़ से रखे हुए छाते देख सकते है। जैसे bus stand, railway station आदि पर। लोग उनका उपयोग करके वापस रख भी जाते है। ऐसे ही नहीं कहा जाता की जापानी बहुत ईमानदार होते है। वह वाकई में बहुत ईमानदार होते है।नए साल की सर्दी और बारिश की वजह से सर्दी दुगुनी हो गयी थी। फिर भी मन नहीं मान रहा था वापस होटल जाने का। लेकिन आम्या उस समय बहुत छोटी थी इसीलिए हमने जल्दी जल्दी खाना खाकर वापस जाना तय किया। जापान में अपने हिसाब का खाना खोजना एक चुनौती है। खासकर अगर आप शाकाहारी हैं तो यह काम और मुश्किल हो जाता है। हम strict vegitarian तो नहीं हैं पर कोशिश करते हैं कि कुछ शाकाहारी मिल जाए जो जापान में लगभग असंभव है। खैर किसी तरह समस्या सुलझा के वापस होटल गए। अगले दिन peace park जाना था। भाग्य से वह हमारे होटल से पैदल की दूरी पर ही था।
Peace Memorial Park ६ अगस्त १९४५ को हिरोशिमा पर अमरीका द्वारा atomic bomb गिराने के बाद एक शांतिपूर्ण दुनिया के आह्वान की स्मृति में बनाया गया है। यह उस जगह पर बनाया गया है जहाँ atomic bomb गिरा था। इसके अंदर एक Peace Museum और A-bomb से संबंधित बहुत सारे स्मारक हैं।
Peace Memorial Museum में उस भयानक हादसे के बाद हुए प्रभाव दर्शाए गए है जो कि उस समय शहर और उस समय के लोगों पर हुए थे। इसके पूरब के हिस्से में एक Audio Tour है जो कि कम से कम १५-२० भाषाओ में उपलब्ध है। मैंने हिन्दी में ही लिया था। Museum की यात्रा को शब्दों में बताना बहुत मुश्किल है। मेरे ख्याल से ऐसा शायद ही कोई हो जो उस जगह को देखने के बाद भावुक ना हुआ हो। वह पूरा tour आपको उदास कर सकता है।
कुछ उदाहरण दे रही हूँ-
*जब atom bomb गिरा तब समय करीब ८:१५ हो रहा था, सुबह का। इस museum में एक घड़ी है जो उस मनहूस समय को दर्शा रही है। यह घड़ी किसी व्यक्ति की है जो उस हादसे का शिकार हुआ।
*museum में एक बच्चे का lunch box रखा हुआ है, जिसके biscuit बिल्कुल राख हो गए है। एक दूसरे बच्चे की पानी की बोतल रखी है।
*एक tricycle रखी हुई है। जिस बच्चे की यह tricycle है वह हादसे के करीब २-३ महीने बाद मर गया था। उसके पिता ने उसकी इस tricycle को उसके साथ ही अपने घर में पीछे दफना दिया था। बाद में उसके पिता ने अपने मरने स पहले इसे museum को दान कर दिया।
*museum में एक bank की पूरी दिवार रखी है। माना जाता है कि उस दिवार के सामने कोई व्यक्ति बैठा था जो शायद bank खुलने का इंतज़ार कर रहा होगा। उसी समय यह मनहूस हादसा हुआ और वह व्यक्ति इस कदर जल (गल) गया कि उसकी पूरी परछाई ही दिवार पर स्थाई तौर पर बन गयी।
*museum में जगह जगह लोगो के द्वारा दान किए गए उनके अपनों के जले हुए कपड़े, बाल आदि रखे हुए हैं।
*जगह जगह लोगों के अनुभव भी लिखे हुए है। जैसे एक माँ का अनुभव कि वह अपनी जलती हुई बच्ची को देखते हुए भी उसकी जलन को कम नहीं कर पा रही थी। अंततः उसकी बेटी जलन की पीड़ा से लड़ते हुए ही मर गयी। उस माँ को ज़िंदगी भर अफ़सोस रहा कि उसने उस दिन अपनी बेटी के बार बार मना करने के बाबजूद उसे स्कूल भेजा।
ऐसे बहुत सारे भावुक अनुभव थे। यह जगह आपको सोचने पर मजबूर कर देगी की क्या इंसान के जीवन से भी बढ़ कर कुछ हो सकता है?
यहाँ उस हादसे के बाद सबसे पहले उगा हुआ पेड़ भी है जिसे उन्होंने अच्छे से संभाला हुआ है।
museum के बाहर एक हिस्सा बिल्कुल अनछुआ ही है। वह हमें उस हादसे की बराबर याद दिलाता रहता है और विश्व शान्ति की आवश्यकता बताता है।
एक arch भी बना हुआ है, जिस पर उन सभी के नाम लिखे हुए हैं जो इस हादसे का शिकार हुए थे, भले ही वह किसी भी देख के नागरिक थे। इस arch के नीचे एक मशाल लगातार जलती रहती है। उनका कहना है की यह मशाल तब तक जलती रहेगी जब तक इस दुनिया से nuclear weapons का अंत नही हो जाता। (भगवान् करे उनकी यह प्रार्थना और आशा जल्दी ही सफल हो) उस पर जापानी भाषा में लिखा हुआ है जिसका अर्थ है "Rest in peace, for the error shall not be repeated"।
Peace Memorial से करीब ४० मिनट्स की दूरी पर एक छोटा सा शहर मियाजिमा है जो कि हिरोशिमा के ही इत्सुकुशिमा नामक छोटे से द्वीप पर बसा हुआ है। वहाँ हम ferry (छोटा सा पानी का जहाज़) से गए। इसे आप जापान का तीर्थ स्थल मान सकते हैं। इस द्वीप पर itsukushima shrine है। पानी का स्तर ऊपर होने पर इस shrine का गेट (torii) पानी में तैरता रहता है और जब पानी कम होता है तो गेट के आसपास गीली मिट्टी रहती है। ऐसा माना जाता है की गेट छेदों में सिक्का डालने पर मांगी हुई इच्छा पूर्ण होती है। यह shrine जापान की बहुत पुरानी shrines में से एक है। किसी समय में इसमें आम जनता नहीं आ-जा सकती थी। केवल राजसी परिवार के लोगों का प्रवेश ही मान्य था। मियाजिमा UNESCO के World Heritage Sites के अंतर्गत आती है।
हिरोशिमा के पास ही chugoku region में ही एक prefecture है- ओकायामा। जिसकी राजधानी ओकायामा शहर है। यह हिरोशिमा से रेल से करीब ३ घंटे की दूरी पर है। यह शहर landscape gardens के लिए प्रसिद्ध है। जो lanscape garden सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है वह है- कोराकुएन। इसके अलावा भी २-३ gardens हैं। इस शहर में एक किला भी है जिसे korakuen castle कहते हैं। यह पुराने कास्तले का ही पुनर्निर्माण है। इस शहर के बारे में मुझे कुछ ख़ास याद नहीं, इसके लिए माफ़ी चाहूंगी।
हिरोशिमा जाकर अगर आपने ट्राम का मज़ा नहीं लिया तो समझिए कि आपकी यात्रा अधूरी है। खासकर मुझ कैसे लोगों ने, जिन्होंने ट्राम में बैठना तो दूर कभी उसे देखा भी नहीं था। आप दिन भर का पास खरीद लीजिये और जिस ट्राम में चाहे बैठिये और सारा शहर घूमिये!!
कुल मिलकर हिरोशिमा जाना और उसके बारे में जानना, वहाँ के जीवन को करीब से देखना, मेरे लिए एक यादगार यात्रा रही। इसे मैं अब तक की सबसे भावुक, सबसे अच्छी यात्रा कहूँगी। यहाँ जाकर मुझे इस शहर ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि विश्व शान्ति कितनी जरूरी है। साथ ही जापान के लोगों कि मेहनत और हौसले का सबसे बेहतर नमूना है यह शहर।
मुझे जापानियों की इमानदारी की भी दाद देनी चाहिए। जब आप museum में होंगे तब आपको साफ साफ लिखा हुआ मिलेगा कि atom bomb वाले हादसे से पहले विश्व युद्ध के समय जापानी लोग कोरिया और चाइना के लोगों को बंधक बना के लाते थे और उनसे जबरदस्ती गुलामी करवाते थे। यह सच्चाई स्वीकार करना बहुत बड़ी इमानदारी है।
atom bomb के हादसे के बाद देश लगभग खत्म ही हो गया था। पर यह उनका हौसला और मेहनत ही थी कि मात्र ५० सालों में शून्य से विकसित देश बन गया। ऐसे हौसले, मेहनत और इमानदारी को सलाम!!
Friday, May 30, 2008
Sakura 2007- Celebtrated in April 2007
Sakura is the Japanese Name for cherry trees and their blossoms. In japan, the season is like a festival. You can find every other place filled with people celebrating the beauty of flowering with friends and relatives. This is called HANAMI means flower viewing. The season begins in January and rests till April. Japanese people pay great attention to these blossoms and turn out in large numbers at parks, shrines, and temples with family and friends to hold flower-viewing parties. Hanami festivals celebrate the beauty of the sakura and for many are a chance to relax and enjoy the beautiful view.
So to enjoy this beautiful season, being in Japan we could not resist ourselves to capture the beauty. One fine sunday noon we decided to celebrate Hanami. Bas phir kya tha?? uthayee apni apni cycles aur nikal pade.. This time also, Amya is with Amit in her baby bag
We went to a small pond a little bit far away from our home. it was awesome. Very beautyful place. A small pond having a small PADOGA in center!! And a local park nearby. We enjoyed a lot...
Thursday, May 22, 2008
Omaha, Nabraska- Vited in May 2008
OMAHA has headquarter of many big US companies like BERKSHIRE HATHAWAY, UNION PECIFIC RAILROAD, VALMONT INDUSTRIES and CONAGRA.
We had only 2 days, in fact less than that, and one night... so we cud not cover up the whole city. Our main moto was to cover the HENRY DOORLY ZOO.
The HERY DOORLY ZOO is widely considered one of the premier zoos in the world. It houses the world's largest indoor rainforest exhibit, indoor desert exhibit, and nocturnal animal exhibit, the largest cat complex in North America, and one of the country's best aquariums outside of Seaworld.
Next attraction for us was its beautiful OLD MARKET PLACE, the historic downtown area. Whole area is divided in 12 blocks which has warehouses, variety of reastaurents, differents shops etc.
We also covered the main RIVERWALK. I dont know whether it was a co-incident or not, but there was a musical show going on. and it makes me feel like AMERICA which i used to watch on TV and Movies in India. The beautiful river of MISSOURI has a attractive riverfront which has boardwalk and trail where you can enjoy by foot, bicycle or even by boat. You can dine there also on the banks. We enjoyed by foot!!!
while going to Omaha, we took a short break for lunch (we packed our lunch with us) in a park in a very small and quite city ELK HORN in IOWA state. The city has the DANISH IMMIGRANT MUSEUM and a very huge DANISH WINDMILL too!!! we captured that thru our camera.
Tuesday, May 6, 2008
Tenri Dam- Visited in November 2006
One attraction in Tenri is a Dam called Tenri Dam. It was very far from our home. we went there by our bicycles. OH GOD IT WAS VERY TIRING!!!! but very very beautiful place too.
We were 3 and half... me, Amit, Anuj and Amya....
Amit was driving his cycle along with Amya!!